About Shani Gaon
लुधियाना. लाडोवाल टोल प्लाजा के पास सतलुज दरिया पर स्थित शनि गांव दुनिया का सबसे बड़ा शनि मंदिर है। सवा तीन एकड़ जगह में बने इस मंदिर की स्थापना 2005 में विश्व कल्याणम ट्रस्ट की ओर से की गई थी। तब से यहां हजारों की तादाद में श्रद्धालु उमड़ते हैं। आज स्थिति ये है कि शनिवार के दिन इस मंदिर में पांव रखने की भी जगह नहीं होती। शनि अमावस्या के मौके पर यहां पर 5 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे, जोकि अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
स्थापना के वक्त से ही विश्व कल्याणम ट्रस्ट की ओर से शनि गांव की देखरेख की जा रही है। ट्रस्ट के मुख्य सेवादार कर्मजीत सिंह मान ने बताया कि 2005 में जब शून्य प्रभु की अगुवाई में मंदिर का निर्माण किया गया था, तब लोग शनिदेव से डरते थे और मंदिर नहीं आते थे। लोग यही समझते थे कि शनिदेव सिर्फ बुरा ही करते हैं।
परंतु शून्य प्रभु की ओर से जागरूक करने के बाद लोगों को यह समझ आया कि शनिदेव शत्रु नहीं, बल्कि परम मित्र हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर हर शनिवार को विशेष पूजन किया जाता है। साथ ही भक्तों के लिए सुबह, दोपहर और रात के लंगर की भी व्यवस्था की जाती है। उन्होंने बताया कि शनि गांव में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए भी विशेष यत्न किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोगों में जानवरों के प्रति प्यार पैदा करने के लिए भी यहां पर बाड़ा बनाया गया है, जहां पर हर किस्म के जानवर रखे गए हैं। यहां पर आने वाले लोगों के लिए पार्किंग की व्यवस्था भी पूरी तरह निशुल्क है। कंप्यूटर और डिस्पेंसरी के जरिए भी कर रहे सेवा: कर्मजीत सिंह मान ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से यहां पर विशेष डिस्पेंसरी और कंप्यूटर सेंटर भी खोला गया है।
डिस्पेंसरी के जरिए जरूरतमंद लोगों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है और दवाएं भी दी जाती हैं। साथ ही जरूरी टेस्ट भी किए जाते हैं। वहीं, कंप्यूटर सेंटर के जरिए हर साल करीब एक हजार जरूरतमंद स्टूडेंट्स को कंप्यूटर एजुकेशन मुहैया करवाई जा रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। हर शनिवार को शून्य प्रभु इन स्टूडेंट्स और डिस्पेंसरी में आने वाले लोगों को मिलते हैं और उनकी समस्याएं भी जानते हैं।
गोशाला का भी किया जा रहा निर्माण
विश्व कल्याणम ट्रस्ट की ओर से गोमाता की सेवा के लिए भी विशेष प्रयत्न किए गए हैं। शनि गांव में नई गोशाला का निर्माण भी करवाया जा रहा है, जोकि एक महीने में बनकर तैयार हो जाएगी। कर्मजीत सिंह मान के अनुसार यहां पर पहले 100 गायों से शुरुआत की जाएगी। उसके बाद धीरे धीरे इसे और बढ़ाया जाएगा।